Saturday, April 19, 2014

अनकही


नही कही तुमसे कुछ बातैं,
क्यूंकि इंतज़ार में डूबे थे हमI
कट गई ऐसी बहुत सी रातें,
जब तुम्हारे प्यार में डूबे थे हमI

ना चाहा था किसी पल को उस पल से ज़्यादा,
जब सपना सच हो के सामने था आयाI
ना चाहा था किसी सपने को उस सपने से ज़्यादा,
जहां भीगी पलकों ने था अपना ख्वाब सजायाI

उन्ही आंसुओं के राह पर चलते,
हमने जिंदगी का रास्ता बनायाI
और उन्ही रास्तों केइस मोड़ पर,
खुद को तुमसे बहुत दूर पायाI

सफर हमारा ना होगा पूरा,
जो साथ ना रहा एक दूजे का सायाI
ज़िन्दगी का मकसद रहेगा अधूरा,
अगर कदम तुम्हारी गती पे बढ़ ना पाया
                                    - Somya Mishra